Bodh Dharma: Nai Sadi — Nai Dristi (Hardbound - 2015)
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महात्मा बुद्ध विश्व की एक ऐसी विभूति थे, जिन्होंने दुःख, नैराश्य एवं मुत्युबोध में डूबी हताश मानवता को मुक्ति का पथ दिखाया। उन्होंने मानव मात्र की इयत्ता को सर्वोपरि मानते हुए दुखों से निवृत्ति हेतु अष्टांग मार्ग की राह दिखाई। सम्यक् दृष्टि, सम्यक् संकल्प, सम्यक् वचन, सम्यक् कर्मान्त, सम्यक् आजीवन, सम्यक् व्यायाम, सम्यक् स्मृति तथा सम्यक् समाधि के द्वारा एक व्यक्ति अपने जीवन को पावनता एवं सदाचार के साथ जी सकता है। बुद्ध की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ पौरोहित्यवाद, छुआछूत तथा जाति प्रथा का विरोध करना थीं। उन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति को एक माना।
बुद्ध के स्त्री सम्बन्धी विचारों को तत्कालीन सामाजिक परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त प्रगतिशील माना जाना चाहिए। आज से 2500 वर्ष पूर्व स्त्रियों को धम्म दीक्षा देना एक क्रांतिकारी कदम कहा जा सकता है। आतंक, अत्याचार, सामाजिक भेदभाव से पीड़ित वर्तमान समय में बौद्ध दर्शन की आवश्यकता सम्पूर्ण विश्व में महसूस की जा रही है। यह पुस्तक उन सभी पहलुओं से बौद्ध दर्शन की पड़ताल करती है, जिनके माध्यम से वर्तमान समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है।
About the Authorडॉ. पुनीत बिसारिया लेखन क्षेत्र का एक सुपरिचित नाम है। आप नए एवं विचारोत्तेजक विषयों पर लिखने के लिए जाने जाते हैं। 'जिन्ना का सच', 'शोध कैसे करें', 'वेदबुक से फेसबुक तक स्त्री', 'पण्डित मदनमोहनमालवीय', 'भारतीय संविधान के निर्माता', 'हिन्दी पत्रकारिताः कल आज और कल', 'पर्यावरण चिन्तन', 'भोजपुरी विमर्श', 'बीरबल साहनी', आदि उनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तकें हैं।
डॉ. राजनारायण शुक्ल कथा साहित्य के अधिकारी विद्वान माने जाते हैं। मोहन राकेश के कथा साहित्य को उद्घाटित करती उनकी दो पुस्तकें 'आधुनिकता बोध एवं मोहन राकेश का कथा-साहित्य' तथा 'मोहन राकेश के कथा-साहित्य का शिल्पगत अध्ययन' प्रकाशित हो चुकी हैं।
ISBN13 | 9788126920778 |
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Product Name | Bodh Dharma: Nai Sadi — Nai Dristi (Hardbound - 2015) |
Price | ₹695.00 |
Original Price | INR 695 |
Author | Puneet Bisaria and Rajnarain Shukal |
Publisher | Atlantic Publishers and Distributors (P) Ltd |
Publication Year | 2015 |
Subject | Religion and Philosophy—SB |
Binding | Hardbound |
Language | Hindi |
Pages | 312 |
Weight | 0.320000 |
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