Bhartiya Rastriya Aandolan (Hardbound)
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About the Booki
प्रस्तुत पुस्तक भारत में राष्ट्रीय जागरण तथा सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं राजनीतिक जन-आन्दोलन जैसे महत्त्वपूर्ण अध्यायों पर आधारित एक प्रामाणिक प्रयास है। इस पुस्तक का परिप्रेक्ष्य अत्यंत व्यापक है विभिन्न अवधारणाओं, घटनाओं और दिग्गज नेताओं के संघर्ष भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ हैं, जिसकी अवधि सन् 1885 से 1947 तक भारतीय जन-जीवन को प्रभावित करती रही है। कूपलैंड ने कहा है, भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन अनेक शक्तियों और कारणों का परिणाम था- इसी पृष्ठभूमि में भारत के उदारवादी, उग्रवादी और गांधीयुग का वर्णन सम्मिलित किया गया है। एनी बेसेंट का सरल कथन कि फ्इस विराट आंदोलन के पीछे शताब्दियों का इतिहास हैय् इसका एक अभिन्न अंग समाज में प्रचलित बाल-विवाह, बहु-विवाह, सतीप्रथा, पर्दाप्रथा, छुआछूत आदि का भी अध्ययन किया गया है। आंदोलन के अग्रणी नेता दादाभाई नौरोजी, सुरेन्द्रनाथ बैनर्जी, गोपालकृष्ण गोखले, अन्य शिक्षाविद_ दूसरे युग के आंदोलनकारीµलाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चन्द्र पाल, महर्षि अरविंद घोष, आदि अनेक महानुभाव जिन्होंने फ्भारत की स्वतन्त्रता को ही अपने जीवन का एकमेव लक्ष्यय् रखा और राष्ट्रीयता को एक धर्म मानकर उसे ईश्वर की देन माना उनकी सफलताएँ, और अन्य पहलुओं पर उपयुक्त चिन्तन सम्मिलित किया गया है। भारत के क्रान्तिकारियों ने अपना संपूर्ण तन-मन-धन अर्पित किया। उनका त्याग चिरस्मरणीय है। इस काल की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थतियाँ, जलियाँवाला बाग घटना और अंग्रेजी शासकों की सुधारवादी घोषणाएँ, आदि बिन्दू को तथ्यों पर आधारित अत्यंत सुलभता से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही गाँधीयुग की घटनाओं से लेकर भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति तक की घटनाओं पर मार्मिक प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक भावी शोधकर्ताओं तथा प्रतियोगी परिक्षाओं के उत्सुक छात्र-छात्रओं के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
About the Author/s
डॉ॰ चन्द्रदेव प्रसाद जन्म चतरा, झारखंड (सन् 1940)। आप एम॰ए॰ (राजनीति विज्ञान) प्रथम श्रेणी में प्राप्त कर गोल्ड मेडल से सम्मानित हैं। साथ ही आपने एम॰ए॰ (इतिहास), एवं पी-एच॰डी॰, मगध विश्वविद्यालय से प्राप्त की। आप राँची कॉलेज, राँची_ किसान कॉलेज, मोहसराय_ एच॰डी॰ जैन कॉलेज, आरा_ गया कॉलेज, गया, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में युनिवर्सिटी प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में कार्यरत रहे एवं मगध विश्वविद्यालय में डीन ऑफ सोशल साइन्स के पद पर भी कार्यरत रहे। आपके कुशल निर्देशन में 9, अध्यक्ष के रूप में 51 पी-एच॰डी॰ और 2 डी-लिट् डिग्रियाँ शोध विद्वानों को प्रदान की गयी हैं। आपकी पुस्तक यूनानी राजनीतिक विचारक (1971), सुकरात, प्लेटो और अरस्तू पर एक अनुपम रचना है, जो राजनीतिक विचारधारा का एक प्रकाश स्तम्भ है।
ISBN-13 | 9788126921164 |
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Author | Chandra Deo Prasad |
Weight | 0.5000 |
Original Price | INR 895 |
Publication Year | 2016 |
Language | Hindi |
Pages | 416 |
Publisher | Atlantic Publishers and Distributors (P) Ltd |
Subject | Politics | Current Affairs |
Binding | Hardbound |